कृष्ण मुरारी जी
आंख बसे मन भावे
बाँके बिहारी जी
आंख बसे मन भावे
पीली कपालिया मोर मुकुट
घनश्याम गगन के रंग सजाईं
सांझ नदी के श्याम सांवरा
दिन भर नंद की धेनु चरवे
तन मन वारी जी
आंख बसे मन भावे
मैं तोह हरि जी
अँख बसे मन भावे
नीद उम्मीद जग के करज
करते सोचु श्याम की सोचु
रसिया जोगी तान बजावे
मुरली बोल हिये तक पहुंची
रास बिहारी जी
आंख बसे मन भावे
शोभा प्यारी जी
आंख बसे मन भावे
तन मन प्राण हवले तेरे
तुझमे राम रामयण पलछिन
माधव मदन गोवर्धन धारी
दर्शन मे तेरा भीगे निशिदिन
कृष्ण कुमारी जी
आंख बसे मन भावे
सुध बुध हारि जी
आंख बसे मन भावे
हरे राम हरे राम
राम राम हरे हरे
हरे कृष्ण हरे कृष्ण
कृष्ण कृष्ण हरे हरे
Bhajan: Krishan Murari Ji
Singer: Jagjit Singh
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