Friday, September 8, 2023

Thakur ji k naam

 ठाकुर जी के अद्भुत नाम


ढाई अक्षरों से सजे, कृष्ण कान्हा और श्याम।


तीन अक्षरों के, मदन, मोहन, माधव, मुरारी,

गोकुल के, गोपाल, गोपेश, केशव, बिहारी।


साढ़े तीन के कन्हाई, कन्हैया, विट्ठल कहलाए, 

गोविंद से बृजेश बनकर, सबके मन को भाए। 


चारअक्षरी, यदुराज,यदुनाथ,वासुदेव,बनवारी, 

श्रीनाथजी, नटवर बने दामोदर, गिरधारी। 


साढ़े चार के नन्दलाल बने वंशीधर, घनश्याम, 

गोपेश्वर, योगेश्वर, राधाकांत, राधेश्याम।


पंचाक्षर मधुसूदन, मुरलीधर बने माखनचोर, 

पांडुरंग भी नाम धराया राधारमण, चितचोर। 


साढ़े पांच के नंदकिशोर बने   कुंजबिहारी, 

राधावल्लभ, बृजमोहन, बांकेबिहारी। 


छै के नन्दनन्दन ही बने, गिरिवरधारी, 

श्यामसुंदर बने रणछोड़राय द्वारिका, पधारी । 


साढ़े छै के गोवर्धनधारी थे तो देवकीनन्दन, 

यशोदा मैया ने पाला था, कहलाए यशोदानन्दन। 


सप्ताक्षर गिरिराजधरण की शोभा अति प्यारी,

साढ़े सात के बृजकुलभूषण, वृंदावनबिहारी।


कामबीजशिरोमणि अष्टाक्षर नाम धराया,

भाद्रपद कृष्णा अष्टमी को जन्मदिन पाया।

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