Sunday, January 21, 2024

बांके बिहारी, कृष्ण मुरारी

 हे बांके बिहारी, कृष्ण मुरारी, मेरे बारी कहाँ छुपे?

बांके बिहारी, कृष्ण मुरारी, मेरे बारी कहाँ छुपे?

(बांके बिहारी, कृष्ण मुरारी, मेरे बारी कहाँ छुपे?)

बांके बिहारी, कृष्ण मुरारी, मेरे बारी कहाँ छुपे?

(बांके बिहारी, कृष्ण मुरारी, मेरे बारी कहाँ छुपे?)

दर्शन दीजो, शरण में लीजो

(दर्शन दीजो, शरण में लीजो)

दर्शन दीजो, शरण में लीजो

(दर्शन दीजो, शरण में लीजो)

हम बलहारी कहाँ छुपे?

बांके बिहारी, कृष्ण मुरारी मेरे बारी कहाँ छुपे?

(बांके बिहारी, कृष्ण मुरारी मेरे बारी कहाँ छुपे?)

आँख मिचौली हमें ना भाए

(आँख मिचौली हमें ना भाए)

जग माया के जाल बिछाये

(जग माया के जाल बिछाये)

रास रचा कर, बंसी बजा कर

रास रचा कर, बंसी बजा कर

(रास रचा कर, बंसी बजा कर)

धेनु चरा कर, प्रीत जगा कर

(धेनु चरा कर, प्रीत जगा कर)

नटवर नागर निष्ठुर छलिया

(नटवर नागर निष्ठुर छलिया)

हे, नटवर नागर निष्ठुर छलिया

(नटवर नागर निष्ठुर छलिया)

लीला न्यारी कहाँ छुपे

बांके बिहारी, कृष्ण मुरारी, मेरे बारी कहाँ छुपे?

(बांके बिहारी, कृष्ण मुरारी, मेरे बारी कहाँ छुपे?)

दर्शन दीजो, शरण में लीजो

(दर्शन दीजो, शरण में लीजो)

दर्शन दीजो, शरण में लीजो

(दर्शन दीजो, शरण में लीजो)

हम बलहारी कहाँ छुपे?

बांके बिहारी, कृष्ण मुरारी, मेरे बारी कहाँ छुपे?

(बांके बिहारी, कृष्ण मुरारी, मेरे बारी कहाँ छुपे?)

सर्व व्यापक तुम अविनाशी

(सर्व व्यापक तुम अविनाशी)

जल, थल, गगन, रवि घट बासी

(जल, थल, गगन, रवि घट बासी)

सर्व व्यापक तुम अविनाशी

(सर्व व्यापक तुम अविनाशी)

जल, थल, गगन, रवि घट बासी

(जल, थल, गगन, रवि घट बासी)

योग सुना कर, रथ को चला कर

(योग सुना कर, रथ को चला कर)

योग सुना कर, रथ को चला कर

योग सुना कर, रथ को चला कर

(योग सुना कर, रथ को चला कर)

कहाँ खो गए हमको लुभा कर?

(कहाँ खो गए हमको लुभा कर?)

गोविंद-गोविंद मीरा गायी

(गोविंद-गोविंद मीरा गायी)

हे, गोविंद-गोविंद मीरा गायी

(गोविंद-गोविंद मीरा गायी)

गणिका तारी कहाँ छुपे?

बांके बिहारी, कृष्ण मुरारी, मेरे बारी कहाँ छुपे?

(बांके बिहारी, कृष्ण मुरारी, मेरे बारी कहाँ छुपे?)

बांके बिहारी, कृष्ण मुरारी, मेरे बारी कहाँ छुपे?

(बांके बिहारी, कृष्ण मुरारी, मेरे बारी कहाँ छुपे?)

दर्शन दीजो, शरण में लीजो

(दर्शन दीजो, शरण में लीजो)

दर्शन दीजो, शरण में लीजो

(दर्शन दीजो, शरण में लीजो)

हम बलहारी कहाँ छुपे?

बांके बिहारी, कृष्ण मुरारी, मेरे बारी कहाँ छुपे?

(बांके बिहारी, कृष्ण मुरारी, मेरे बारी कहाँ छुपे?)

(बांके बिहारी, कृष्ण मुरारी, मेरे बारी कहाँ छुपे?)

(बांके बिहारी, कृष्ण मुरारी, मेरे बारी कहाँ छुपे?)




Bhajan: Banke Bihari Krishan Murari
Singer: Jagjit Singh


No comments:

Post a Comment