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Friday, July 30, 2021

Bhagwan Shri Krishan Mantra with meaning (भगवान श्रीकृष्ण के प्रसिद्ध मंत्र अर्थ सहित)



ॐ कृं कृष्णाय नम:
 
सच्चिदानंद रूपाय विश्वोत्पत्यादिहेतवे, तापत्रय विनाशाय श्री कृष्णाय वयं नम: ॥
(हे श्रीकृष्ण! ... हे योगिराज कृष्ण! आपके महान गीता ज्ञान का आलोक आज तक हमारा पथप्रदर्शक है लेकिन हम मर्त्य प्राणी आपके इस अपार सामर्थ्य को भूलकर उस माया में डूबे हुए हैं जो हमें आपके वास्तविक स्वरुप का भान नहीं होने देती है.)

वसुदेवसुतं देवं कंसचाणूरमर्दनम्। देवकी परमानन्दं कृष्णं वन्दे जगद्गुरुम।।

( कंस और चाणूर का वध करने वाले देवकी के आनंदवर्धन, वासुदेवनन्दन जगद्गुरु श्रीकृष्ण चंद्र की मैं वन्दना करता हूं)

वृन्दावनेश्वरी राधा कृष्णो वृन्दावनेश्वर:। जीवनेन धने नित्यं राधाकृष्णगतिर्मम।।

( श्री राधारानी वृन्दावन की स्वामिनी हैं और भगवान श्रीकृष्ण वृन्दावन के स्वामी हैं, इसलिए मेरे जीवन का प्रत्येक क्षण श्रीराधा-कृष्ण के आश्रय में व्यतीत हो)

महामायाजालं विमलवनमालं मलहरं, सुभालं गोपालं निहतशिशुपालं शशिमुखम। कलातीतं कालं गतिहतमरालं मुररिपुं
( जिसका मायारूपी महाजाल है जिसने निर्मल वनमाला धारण किया है, जो मलका अपहरण करने वाला है, जिसका सुंदरभाल है, जो गोपाल है, शिशुवधकारी हैं, जिसका चांद सा मुखड़ा है, जो संपूर्ण कलातीत हैं, काल हैं, अपनी सुन्दर गति से हंस का भी विजय करने वाला है, मूर दैत्य का शत्रु है, अरे, उस परमानन्दकन्द गोविंद का सदैव भजन कर)

कृष्ण गोविंद हे राम नारायण, श्रीपते वासुदेवाजित श्रीनिधे। अच्युतानन्त हे माधवाधोक्षज, द्वारकानायक द्रौपदीरक्षक।।
( हे कृष्ण, हे गोविन्द, हे राम, हे नारायण, हे रमानाथ, हे वासुदेव, हे अजेय, हे शोभाधाम, हे अच्युत, हे अनन्त, हे माधव, हे अधोक्षज ( इंद्रियातीत), हे द्वारकानाथ, हे द्रौपदीरक्षक मुझ पर कृपा कीजिये।

अधरं मधुरं वदनं मधुरं नयनं मधुरं हसितं मधुरं। हृदयं मधुरं गमनं मधुरं मधुराधिपतेरखिलं मधुरम्।।
( श्री मधुरापधिपति का सभी कुछ मधुर है। उनके अधर मधुर हैं। मुख मधुर है, नेत्र मधुर हैं, हास्य मधुर है और गति भी अति मधुर है। )

इन आठ मंत्रों से करें जन्माष्टमी पूजन

सभी प्रकार के कष्टों के निवारण के लिए प्रमुख बीज मंत्र

1.      ॐ  कृं कृष्णाय नम:

(भगवान श्रीकृष्ण का बताया हुआ बीज मंत्र हैं। एक माला जाप करने से ही सारे कष्ट दूर हो जाते हैं।

2.      ॐ  श्रीं नम: श्रीकृष्णाय परिपपूर्णतमाय स्वाहा ( सप्तदशाक्षर महामंत्र है। आर्थिक संकट समाप्त होते हैं)

3.      ॐ  गोवल्लभाय स्वाहा ( दो शब्दों का यह मंत्र चमत्कारी है। इस मंत्र से सारे कष्ट दूर होते हैं। वाणी मधुर होती है। कार्य में सफलता प्राप्त होती है)

4.      गोकुलनाथाय नम: ( आठ अक्षरों वाला यह मंत्र सभी इच्छाओं की पूर्ति करता है)

5.      ॐ क्लीं ग्लौं क्लीं श्यामलांगाय नम: ( आर्थिक संकट दूर होते हैं)

6.      ॐ  नमो भगवते वासुदेवाय नम: ( हर प्रकार के कार्यो की सिद्धि का महामंत्र)

7.      ॐ  नारायणाय विद्महे, वासुदेवाय धीमहि, तन्नो कृष्ण: प्रचोदयात ( श्रीकृष्ण गायत्री। सर्व कार्य सिद्धि)

8.      ॐ  श्री कृष्णाय नम:   

Sunday, September 2, 2012

Swarswati Ma Mantra (सरस्वती माँ का मंत्र )




गुरूर्ब्रह्मा,गुरूर्विष्णुः,गुरूर्देवो महेश्वरः
गुरूर्साक्षात् परब्रह्म् तस्मै श्री गुरवे नमः॥
अखण्डमण्डलाकांरं व्याप्तं येन चराचरम्
तत्विदं दर्शितं येन,तस्मै श्री गुरवे नमः॥

Om Hirim Shri Sarswati Bhagwati Vidya Prasadam Kuru Su Ha Ha ||

Monday, June 27, 2011

Sureya Gyatri Mahamantra



ॐ आदित्याय विद मेह सहस्त्र किरण आय  धीमहि  तन्नो सूर्य : प्रचोदयात |||

Om  aadityay  wid  meh shastr  kiran ay dhimahi tanno  Sureya prachodeyat ||

Wednesday, June 15, 2011

Maha Mrityunjaya Mantra

                                  ॐ हौं जूं स: ॐ भूर्भुव: स्व: ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगंधिम पुष्टिवर्धनम 
                 उर्वारुकमिव बंधनान मृत्योमुक्षीय मामृतात् ॐ स्व: भुव: भू: ॐ स: जूं हौं ॐ !!

महामृत्युंजय मंत्र का सरल अनुवाद

इस मंत्र का अर्थ है कि हम भगवान शिव की पूजा करते हैं, जिनके तीन नेत्र हैं, जो हर श्वास में जीवन शक्ति का संचार करते हैं और पूरे जगत का पालन-पोषण करते हैं।

                                            महामृत्युंजय मंत्र का अर्थ

                                त्रयंबकम- त्रि.नेत्रों वाला ;कर्मकारक।
                                यजामहे- हम पूजते हैं, सम्मान करते हैं। हमारे श्रद्देय।
                                सुगंधिम- मीठी महक वाला, सुगंधित।    
                                पुष्टि- एक सुपोषित स्थिति, फलने वाला व्यक्ति। जीवन की परिपूर्णता 
                                वर्धनम- वह जो पोषण करता है, शक्ति देता है।
                                उर्वारुक- ककड़ी।
                                इवत्र- जैसे, इस तरह।
                                बंधनात्र- वास्तव में समाप्ति से अधिक लंबी है।
                                मृत्यु- मृत्यु से
                                मुक्षिया, हमें स्वतंत्र करें, मुक्ति दें।
                                मात्र न
                                अमृतात- अमरता, मोक्ष।

Thursday, June 9, 2011

Krishan stuti



श्री कृष्ण गोविन्द हरे मुरारी ||
हे नाथ नारायण वासुदेव: ||
राधे कृष्ण  राधे कृष्ण ||||||

Shri Krishan govind harey murari ||
Hey nath Narayan vasu deva ||
Radhey Krishna Radhey Krishan ||


Wednesday, June 8, 2011

Surya Mantra

ॐ सुर्य: देवाय: नमो: नम: ||

Om Suray devaye namo namah ||

Tuesday, June 7, 2011

Devi Ma Vandna


या देवी सर्वभूतेषु शक्ति रूपेण संस्थिता ||
नमस्तासेय नमस्तासेय नमो नम: ||

या देवी सर्वभूतेषु माँ रूपेण संस्थिता ||
नमस्तासेय नमस्तासेय नमो नम: ||

या देवी सर्वभूतेषु श्रद्धा रूपेण संस्थिता ||
नमस्तासेय नमस्तासेय नमो नम: ||

या देवी सर्वभूतेषु लक्ष्मी  रूपेण संस्थिता ||
नमस्तासेय नमस्तासेय नमो नम: ||

या देवी सर्वभूतेषु सरस्वती  रूपेण संस्थिता ||
नमस्तासेय नमस्तासेय नमो नम: ||

या देवी सर्वभूतेषु सरस्वती रूपेण संस्थिता ||
नमस्तासेय नमस्तासेय नमो नम: ||

या देवी सर्वभूतेषु शान्ति रूपेण संस्थिता ||
नमस्तासेय नमस्तासेय नमो नम: ||

Ya Devi sarav bhutesu Shakti rupen sansthita ||
Nmastasey Nmastasey namo  nmah: ||

Ya Devi sarav bhutesu Ma rupen sansthita ||
Nmastasey Nmastasey namo  nmah: ||

Ya Devi sarav bhutesu shrdha rupen sansthita ||
Nmastasey Nmastasey namo  nmah: ||

Ya Devi sarav bhutesu Lakshmi rupen sansthita ||
Nmastasey Nmastasey namo  nmah: ||

Ya Devi sarav bhutesu Sarswati rupen sansthita ||
Nmastasey Nmastasey namo  nmah: ||

Ya Devi sarav bhutesu Shanti rupen sansthita ||
Nmastasey Nmastasey namo  nmah: ||


Monday, June 6, 2011

Krishan Mantra





















ॐ श्री कृष्णाय: वासुदेवाय: नमो नम: ||
हरी ॐ श्री राधा कृष्णाय: नमो नम:||


Om Shri Krishnaye Vashudevaye namo namah ||
Hari Om shri Radha Krishnaye namo namah ||

Sunday, June 5, 2011

Shri Ganpati Shloka


वक्रतुंड महाकाय सूर्य कोटि समप्रभम ||
निर्विघ्नं कुरु में देव सर्वकार्येषु सर्वदा ||

vakratunda mahaakaaya suurya koti samaprabha |
nirvighnam kuru me deva sarvakaaryeshhu sarvadaa ||

Sunday, May 29, 2011

Devi Ma Mool Mantra

ॐ सर्व मंगल मांगले, शिवे सर्वा साधिके ||
शरने त्रिअम्बिकेय गोरी, नारायणे नमोस्तुते ||

Friday, May 27, 2011

Narayan Mantra

मंगलम भगवन विष्णो, मंगलम गरूड: ध्वजा ||
मंगलम पूंडरी काक्षाये, मंगलाये च तनो हरी ||

Shiv Parthna


ॐ भवानी शंकरो बन्दे, श्रधा विश्वास रुपने ||
याभयम बिना न पच्यान्ति , सीधा स्वत सथामिश्वरम: ||

Shiv Mantra

















ॐ नम: शिवाये ||
Om Nmah Shivey ||

Thursday, May 26, 2011

Ganpati Mool Mantra


ॐ गं गणपते नमः ||
ॐ श्री विघ्नेश्वर नमो नम: ||

Om Gang Ganapataye Namaha ||
Om Shree Vigneswara Namaha ||

 

Wednesday, May 25, 2011

Devi Ma Mantra

या देवी सर्व भूतेशु शक्ति रूपेण संस्थिता ,
नमस्तसेय नमस्तसेय नमो नम: !!!!!!


Monday, May 23, 2011

Ganpati Mantra



विघ्नेश्वराए  वर्दाये सुप्रियाए , लम्बोद्राए सकलाए जगदिदुत्राये,
नागनानाये श्रुति जग विभूशिताए , गोरी सुताये गणनाथ नमो नमस्ते !!!!!!!!!!!!!


Vighneshwarye Vardaye supriye, lambodraye saklaye jagdidutraye,
 Nagnanaye shruti jag vibhushitaye, Gori Sutaye Gannath Namo Nmaestey||





Gaytri Mantra

ॐ भूर भुवास वह ,ततस वितुर वरेनियुम
भर्गो देवस्य धी माहि , धियो जो न परचो दया !!!!!!!