Friday, June 17, 2011
Wednesday, June 15, 2011
Maha Mrityunjaya Mantra
ॐ हौं जूं स: ॐ भूर्भुव: स्व: ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगंधिम पुष्टिवर्धनम
उर्वारुकमिव बंधनान मृत्योमुक्षीय मामृतात् ॐ स्व: भुव: भू: ॐ स: जूं हौं ॐ !!
महामृत्युंजय मंत्र का सरल अनुवाद
इस मंत्र का अर्थ है कि हम भगवान शिव की पूजा करते हैं, जिनके तीन नेत्र हैं, जो हर श्वास में जीवन शक्ति का संचार करते हैं और पूरे जगत का पालन-पोषण करते हैं।
महामृत्युंजय मंत्र का अर्थ
त्रयंबकम- त्रि.नेत्रों वाला ;कर्मकारक।
यजामहे- हम पूजते हैं, सम्मान करते हैं। हमारे श्रद्देय।
सुगंधिम- मीठी महक वाला, सुगंधित।
पुष्टि- एक सुपोषित स्थिति, फलने वाला व्यक्ति। जीवन की परिपूर्णता
वर्धनम- वह जो पोषण करता है, शक्ति देता है।
उर्वारुक- ककड़ी।
इवत्र- जैसे, इस तरह।
बंधनात्र- वास्तव में समाप्ति से अधिक लंबी है।
मृत्यु- मृत्यु से
मुक्षिया, हमें स्वतंत्र करें, मुक्ति दें।
मात्र न
अमृतात- अमरता, मोक्ष।
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