Monday, August 8, 2022

108 Names of Cow

 गौमाता के इन नामों के जप से प्रसन्न हो जाते हैं भगवान श्रीकृष्ण🌺

हिन्दूधर्म में गाय को माता, कामधेनू, कल्पवृक्ष और सभी कामनाओं की पूर्ति करने वाली बताया गया है। गाय माता के संपूर्ण शरीर में तैतीस कोटी देवी-देवताओं का वास होने का उल्लेख भी शास्त्रों में मिलता है। भगवान श्रीकृष्ण गौ सेवा के अन्नय प्रेमी थे। शास्त्रों में गाय माता के 108 नाम बताएं गए है। कहा जाता है कि गाय के इन 108 नामों का जप करने से भगवान श्रीकृष्ण प्रसन्न हो जाते हैं। जानें गौमाता के कौन से 108 नाम का जप करने से सभी कामनाएं पूरी होने के साथ मनवांछित फल की प्राप्ति भी होती है।

।। दोहा ।।

श्री गणपति का ध्यान कर जपो गौ मात के नाम।

 इनके सुमिरन मात्र से खुश होवेंगे श्याम।।

1- कपिला, 2- गौतमी, 3- सुरभी, 4- गौमती, 5- नंदनी, 6- श्यामा, 7- वैष्णवी, 8- मंगला, 9- सर्वदेव वासिनी, 10- महादेवी, 11- सिंधु अवतरणी, 12- सरस्वती, 13- त्रिवेणी, 14- लक्ष्मी, 15- गौरी, 16- वैदेही, 17- अन्नपूर्णा, 18- कौशल्या, 19- देवकी, 20- गोपालिनी।

21- कामधेनु, 22- आदिति, 23- माहेश्वरी, 24- गोदावरी, 25- जगदम्बा, 26- वैजयंती, 27- रेवती, 28- सती, 29- भारती, 30- त्रिविद्या, 31- गंगा, 32- यमुना, 33- कृष्णा, 34- राधा, 35- मोक्षदा, 36- उतरा- 37- अवधा, 38- ब्रजेश्वरी, 39- गोपेश्वरी, 40-कल्याणी।

41- करुणा, 42- विजया, 43- ज्ञानेश्वरी, 44- कालिंदी, 45- प्रकृति, 46- अरुंधति, 47- वृंदा, 48- गिरिजा, 49- मनहोरणी, 50- संध्या, 51- ललिता, 52- रश्मि, 53- ज्वाला, 54- तुलसी, 55- मल्लिका, 56- कमला, 57- योगेश्वरी, 58- नारायणी, 59- शिवा, 60- गीता।

61- नवनीता, 62- अमृता अमरो, 63- स्वाहा, 64- धंनजया, 65- ओमकारेश्वरी, 66- सिद्धिश्वरी, 67- निधि, 68- ऋद्धिश्वरी, 69- रोहिणी, 70- दुर्गा, 71- दूर्वा, 72, शुभमा, 73- रमा, 74- मोहनेश्वरी, 75- पवित्रा, 76- शताक्षी, 77- परिक्रमा, 78- पितरेश्वरी, 79- हरसिद्धि, 80- मणि।

81- अंजना, 82- धरणी, 83- विंध्या, 84- नवधा, 85- वारुणी, 86- सुवर्णा, 87- रजता, 88- यशस्वनि, 89- देवेश्वरी, 90- ऋषभा, 91- पावनी, 92- सुप्रभा, 93- वागेश्वरी, 94- मनसा, 95- शाण्डिली, 96- वेणी, 97- गरुडा, 98- त्रिकुटा, 99- औषधा, 100- कालांगि।

101- शीतला, 102- गायत्री, 103- कश्यपा, 104- कृतिका, 105- पूर्णा, 106- तृप्ता, 107- भक्ति, 108- त्वरिता।

अनंत नाम गौ मात के सब देवो का वास।

सब भक्तो का आपके चरणों में विश्वास।।

इन नामो को नित्य पठन से रिद्धि सिद्धि घर आयेगी।

श्री राम-कृष्ण कृपा से,सर्व देव कृपा हो जायेगी।।

Sunday, August 7, 2022

Way to solve Problems

 सर्वप्रथम जीवन की समस्यओं को समझने की आवश्यकता है. समझने के बाद उनका सम्यक विवेकपूर्ण विश्लेषण करना  होगा. पुनः उनके निदान हेतु उपस्थित परिस्थितियों का आकलन भी आवश्यक है. 

उपर्युक्त समीक्षात्मक कार्य होने के उपरान्त जो भी हल उपस्थित होगा वह सभी के हितार्थ होगा. आखिरी पायदान पर खड़ा साधक भी लाभान्वित होगा.ऐसे समाज की विचारधारा की पुष्टता 

जीवन को सुस्थिर और व्यवस्थित बनाकर धैर्यपूर्वक गतिमान करना हम सभी का पुनीत कर्तव्य है.

अस्तु ऐसी व्यवस्था को संचरित करने हेतु अनुभूतियाँ अपेक्षित परिवर्तन स्वतः करने लगती हैं. ऐसा परिवर्तन व्यष्टि से समष्टि की ओर ले जाता है. कितना सटीक है यह निम्न विवेचन. मनन करें और जीवन में प्रयोग करें 

"ऐ पथगामी! 

पग धीरे -धीरे धरना! 

विषम भूमि, अपरिचित मग में,

सोच समझकर चलना! 

पुनः -

"धीरज धर, धीरे चलना! 

इस प्रकार की यात्रा जीवन को गतिमान बनाने में समर्थ है. परिवर्तन शाश्वत नियम है पर वह हो सभी के हितार्थ! 

हरि