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Thursday, October 3, 2024

शिव शम्भो शिव शम्भो

 

शिव शम्भो शिव शम्भो


शिव शम्भो शिव शम्भो

शम्भो करोती सब संभव

शिव शम्भो, शिव शम्भो

शम्भो करोती सब संभव

शिव शम्भो, शिव शम्भो

शम्भो करोती सब संभव

ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् |

उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय माऽमृतात् ||

 

शिव शम्भो, शिव शम्भो

शम्भो करोती सब संभव

शिव शम्भो, शिव शम्भो

शम्भो करोती सब संभव

अँडज पिंडज जड चेतन सब मे है शिव मे वदंन

शिव शम्भो, शिव शम्भो

शम्भो करोती सब संभव

शिव शम्भो शिव शम्भो

शम्भो करोती सब संभव

ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् |

उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय माऽमृतात् ||

 

शिव शम्भो, शिव शम्भो

शम्भो करोती सब संभव

शिव शम्भो, शिव शम्भो

शम्भो करोती सब संभव

यह भवसागर की उथल, पुथल

और कर्मो के लेख अटल हर, हर दानी

ध्यानी ने तीन लोक शिव पटल

शिव शम्भो, शिव शम्भो

शम्भो करोती सब संभव

शिव शम्भो, शिव शम्भो

शम्भो करोती सब संभव

ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् |

उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय माऽमृतात् ||

 

शिव शम्भो, शिव शम्बो

शिव शम्भो, शिव शम्भो

शम्भो करोती सब संभव

बडे भाग्य सें मिला है जीवन

जीव जगत, जल थल, कण, कण

अँडज, पिंडज जड चेतन सब मे है शिव मे वदंन

शिव शम्भो, शिव शम्भो

शम्भो करोती सब संभव

शिव शम्भो, शिव शम्भो

शम्भो करोती सब संभव

ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् |

उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय माऽमृतात् ||



Artist :- Kailash Kher 

Singer - Kailash Kher

Music Director :- Kailash Kher

Additional Lyrics :- Pt. Kailash Kher


Wednesday, October 2, 2024

नमो नमो जी शंकरा

नमो नमो जी शंकरा

जय हो जय हो शंकरा (भोलेनाथ शंकरा)

आदि देव शंकर (हे शिवाय शंकर)

तेरे जाप के बिना (भोलेनाथ शंकर)

चले ये सांस किस तरह (हे शिवाय शंकर)

मेरा कर्म तू ही जाने, क्या बुरा है क्या भला

तेरे रास्ते पे मैं तो, आँख मूंद के चला

तेरे नाम की, जोत ने, सारा हर लिया तमस मेरा

 

नमो नमो जी शंकरा

भोलेनाथ शंकर

हे त्रिलोकनाथ शम्भू!

हे शिवाय शंकराय

नमो नमो जी शंकरा

भोलेनाथ शंकर

रुद्रदेव हे महेश्वरः

 

सृष्टि के जन्म से भी (ओ ओ ओ...)

पहले तेरा वास था (ओ ओ ओ...)

ये जग रहे या ना रहे (ओ ओ ओ...)

रहेगी तेरी आस्था (ओ ओ ओ...)

क्या समय, क्या प्रलय,

दोनों में तेरी महानता

महानता...महानता...

 

सीपियों की ओन्ट मेन (भोलेनाथ शंकर)

मोतियां हो जिस तरह (हे शिवाय शंकरा)

मेरे मन में शंकरा (भोलेनाथ शंकरा)

तू बसा है उस तरह (हे शिवाय शंकर)

मुझे भरम था जो है मेरा, था नहीं कभी मेरा

अर्थ क्या निरर्थ क्या, जो भी है सभी तेरा

तेरे सामने, है झुका, मेरे सर पे हाथ रख तेरा

 

नमो नमो जी शंकरा

भोलेनाथ शंकर

हे त्रिलोकनाथ शम्भू!

हे शिवाय शंकराय

नमो नमो जी शंकरा

भोलेनाथ शंकर

रुद्रदेव हे महेश्वर!

 

चंद्रमा ललाट पे (ओ ओ ओ...)

भस्म है भुजाओं में (ओ ओ ओ...)

वस्त्र बाघ छाल का (ओ ओ ओ...)

है खड़ाऊ पांव में (ओ ओ ओ...)

प्यास क्या, हो तुझे,

गंगा है तेरी जटाओं में

जटाओं में... जटाओं में...

 

दूसरो के वास्ते (भोलेनाथ शंकर)

तू सदेव है जिया (हे शिवाय शंकरा)

माँगा कुछ कभी नहीं (भोलेनाथ शंकर)

तूने सिर्फ है दिया (हे शिवाय शंकरा)

समुद्र मंथन का, था समय जो आ पड़ा

द्वंद दोनो लोक में, विष-अमृत पे था छड़ा

अमृत ​​सभी में बाँट के, प्याला विष का तूने खुद पिया

 

नमो नमो जी शंकरा

भोलेनाथ शंकर

हे त्रिलोकनाथ शम्भू!

हे शिवाय शंकराय

नमो नमो जी शंकरा

भोलेनाथ शंकर

रुद्रदेव हे महेश्वर!

Song: Namo Namo

Singer: Amit Trivedi

Lyricist: Amitabh Bhattacharya





जय हो भोलेनाथ जय हो भंडारी

 

जय हो भोलेनाथ जय हो भंडारी

 

जय हो भोलेनाथ जय हो भंडारी

जय हो कैलाश पति जय त्रिपुरारी



 

दुखियो के तूने है काज सवाँरे

जो भी है आया भगवन तेरे द्वारे

कर दिया कल्याण पिता कल्याण कारी

जय हो भोलेनाथ जय हो भंडारी

 

तेरी जटाओ मैं गंगा का पानी

गंगा के पानी मैं शक्ति रूहानी

मस्तक का चंद्रमा पीड़ा हरे सारी

जय हो भोलेनाथ जय हो भंडारी

 

तन पे बभूत रमे नागो की माला

दो नैनो में मस्ती तीसरी में ज्वाला

दर्शनों की भीख मांगे तेरे भिखारी

जय हो भोलेनाथ जय हो भंडारी

 

हंस हंस के धरती का विष पीने वाले

महादेव नीलकंठ जगसे निराले

सृष्टि यह गाये महिमा तुम्हारी

जय हो भोलेनाथ जय हो भंडारी




Bhajan: जय हो भोलेनाथ जय हो भंडारी

Singer: Narendra Chanchal
Provided to YouTube by Super Cassettes Industries Limited


Wednesday, June 29, 2011

Aarti Shiv ji Ki


ॐ जय शिव ओंकारा, स्वामी जय शिव ओंकारा ||
ब्रह्मा- विष्णु सदाशिव अर्धांगी धारा || ॐ

एकानन चतुरानन पंचानन राजे |
हंसासन गरुडासन वृषवाहन सजे || ॐ 

दो भुज चार चतुर्भुज दशभुज अति सोहे |
तीनों रूप निरखता त्रिभुवन जन मोहे || ॐ  

अक्षमाला बनमाला रुण्डमाला धारी |
चन्दन मृगमद सोहे भोले शुभकारी || ॐ

श्वेताम्बर  पीताम्बर बाघाम्बर अंगे |
सनकादिक ब्रह्मादिक भूतादिक संगे || ॐ 

कर के मध्य कमंडल चक्कर  त्रिशूल धर्ता  ||
जग करता जग भरता जग पालन करता || ॐ 

ब्रह्मा , विष्णु सदा शिव जानत अविवेका |
प्रणवाक्षर के  मध्य तीनों ही एक || ॐ 

त्रिगुण स्वामी जी की आरती जो कोई नर गावे |
 कहत शिवानन्द स्वामी मन वांछित फल पावे || ॐ




Shiv Bhajan: Om Jai Shiv Omkara
Album: AARTI
Singer: ANURADHA PAUDWAL
Composer: SHEKHAR SEN
Lyrics: TRADITIONAL
Music Label:T-Series