Friday, December 12, 2025

दे चरणां दा प्यार माये (De charna da pyar mayie)

 

दे चरणां दा प्यार माये नी सानु रख लै सेवादार
तेरे भवन ते मां करां नौकरी, तेरे मंदिर ते..
सद लै तू इक वार, माये जी मैनू दे चरणां दा प्यार

भक्ता दे नाल मैं भेंटा गांवा इक पल वी सोवां,
अमृत वेले मंदिर तेरा पलकां नाल मैं धोवां,
बागा विचो फुल तोड़ के गुन्दा सोने हार,

हार श्रृंगार मैं करके तेरियाँ पिंडियाँ रोज सजावाँ,
अतर गुलेला छिडकान नाले मंदरान नु मह्कावान
जोत जगा के करां आरती बन के ताबेदार

भगत तेरे मां दर ते आके रोज़ करन अरदासां
मिट जावन बच्च्याँ दियां तेरे जनम जनम दियां प्यासां,
तन मन हो जाये रोशन मेरा, खुले करां
दीदार

Thursday, December 11, 2025

मेरे मन के अंध तमस में (Antardhwani)

 

मेरे मन के अंध तमस में, ज्योतिर्मय उतारो

जय जय माँ, जय जय माँ

कहाँ यहाँ देवों का नंदन,

मलयाचल का अभिनव चन्दन

मेरे उर के उजड़े वन में करुणामयी विचरो

मेरे मन के अंध तमस में, ज्योतिर्मय उतारो

 

नहीं कहीं कुछ मुझ में सुन्दर,

काजल सा काला यह अंतर

प्राणों के गहरे गह्वर में ममता मई विहरो

मेरे मन के अंध तमस में, ज्योतिर्मय उतारो

जय जय माँ, जय जय माँ