ओम है जीवन हमारा -- ओम प्राणधार है,
ओम है करता विधाता -- ओम पालनहार है ,
ओम है दुःख का विनाशक -- ओम सर्वाधार है ,
ओम है बल तेजधारी , ओम करूणानन्द है ,
ओम सब का पूज्य है-- हम ओम का पूजन करें ,
ओम के ही ध्यान से हम शुद्ध अपना मन करें ,
ओम के गुरु मन्त्र जपने से रहेगा शुद्ध मन ,
दिन प्रतिदिन बुधि बढ़ेगी, धर्म में होगी लगन ,
ओम क जप से हमारा ज्ञान बढ़ता जाएगा ,
अंत में यह ओम हम को मुक्ति तक पहुँचाएगा || इति |||
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