गजानन कर दो बेड़ा पार, आज हम तुम्हे मनाते हैं |
तुम्हे मनाते हैं गजानन, तुम्हे मनाते हैं ||
सब से पहले तुम्हे मनावें , सभी बीच में तुम्हे बुलावें|
गणपति आन पधारो, हम तो तुम्हे बुलाते हैं ||
आओ पार्वती के लाला, मूषक वाहन सूंड- सून्डाला|
जपें तुम्हारे नाम की माला, ध्यान लगाते हैं ||
उमापति शंकर क प्यारे, तू भक्तों के काज संवारे |
बड़े-बड़े पापी तारे, जो शरण में आते हैं ||
लड्डू पेड़ा भोग लगावें, पान सुपारी पुष्प चढ़ावे |
हाथ जोड़ के करें वंदना, शीश झुकाते हैं ||
सब भक्तों ने टेक लगाई, सब ने मिलकर महिमा गाई |
रिधि सीधि संग ले आओ, हम भोग लगाते हैं ||