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Friday, February 25, 2022

Aarti Shri Banke Bihari Ji


 श्री बांके बिहारी तेरी आरती गाऊं,

हे गिरिधर तेरी आरती गाऊं ।

आरती गाऊं प्यारे आपको रिझाऊं,

श्याम सुन्दर तेरी आरती गाऊं ।

॥ श्री बांके बिहारी...॥

मोर मुकुट प्यारे शीश पे सोहे,

प्यारी बंसी मेरो मन मोहे ।

देख छवि बलिहारी मैं जाऊं ।

॥ श्री बांके बिहारी...॥

चरणों से निकली गंगा प्यारी,

जिसने सारी दुनिया तारी ।

मैं उन चरणों के दर्शन पाऊं ।

॥ श्री बांके बिहारी...॥

दास अनाथ के नाथ आप हो,

दुःख सुख जीवन प्यारे साथ आप हो ।

हरी चरणों में शीश झुकाऊं ।

॥ श्री बांके बिहारी...॥

श्री हरीदास के प्यारे तुम हो।

मेरे मोहन जीवन धन हो।

देख युगल छवि बलि बलि जाऊं।

॥ श्री बांके बिहारी...॥

श्री बांके बिहारी तेरी आरती गाऊं,

हे गिरिधर तेरी आरती गाऊं।

आरती गाऊं प्यारे आपको रिझाऊं,

श्याम सुन्दर तेरी आरती गाऊं।

Friday, July 8, 2011

Aarti shri Ambe ji ki


जय अम्बे गौरी
मैया जय श्यामा गौरी
तुमको निशिदिन ध्यावत
तुमको निशिदिन ध्यावत
हरि ब्रह्मा शिवरी
ॐ जय अम्बे गौरी
जय अम्बे गौरी
मैया जय श्यामा गौरी
तुमको निशिदिन ध्यावत
तुमको निशिदिन ध्यावत
हरि ब्रह्मा शिवरी
ॐ जय अम्बे गौरी
मांग सिंदूर विराजित
टीको जगमग तो
मैया टीको जगमग तो
उज्ज्वल से दोउ नैना
उज्ज्वल से दोउ नैना
चंद्रवदन नीको
ॐ जय अम्बे गौरी
कनक समान कलेवर
रक्ताम्बर राजै
मैया रक्ताम्बर राजै
रक्तपुष्प गल माला
रक्तपुष्प गल माला
कंठन पर साजै
ॐ जय अम्बे गौरी
केहरि वाहन राजत
खड्ग खप्पर धारी
मैया खड्ग खप्पर धारी
सुर नर मुनिजन सेवत
सुर नर मुनिजन सेवत
तिनके दुखहारी
ॐ जय अम्बे गौरी
कानन कुण्डल शोभित नासाग्रे मोती
मैया नासाग्रे मोती
कोटिक चंद्र दिवाकर
कोटिक चंद्र दिवाकर
सम राजत ज्योती
ॐ जय अम्बे गौरी
शुंभ निशुंभ बिदारे महिषासुर घाती
मैया महिषासुर घाती
धूम्र विलोचन नैना
धूम्र विलोचन नैना
निशदिन मदमाती
ॐ जय अम्बे गौरी
चण्ड-मुण्ड संहारे शोणित बीज हरे
मैया शोणित बीज हरे
मधु कैटभ दोउ मारे
मधु कैटभ दोउ मारे
सुर भयहिन करे
ॐ जय अम्बे गौरी
ब्रहमाणी रुद्राणी तुम कमला रानी
मैया तुम कमला रानी
अगम निगम बखानी
अगम निगम बखानी
तुम शिव पटरानी
ॐ जय अम्बे गौरी
चौंसठ योगिनी गावत नृत्य करत भैरों
मैया नृत्य करत भैरों
बाजत ताल मृदंगा
बाजत ताल मृदंगा
ओर बाजत डमरू
ॐ जय अम्बे गौरी
तुम ही जग की माता तुम ही हो भरता
मैया तुम ही हो भरता
भक्तन की दुख हरता
भक्तन की दुख हरता
सुख संपति करता
ॐ जय अम्बे गौरी
भुजा चार अति शोभित वर-मुद्रा धारी
मैया वर मुद्रा धारी
मनवांछित फल पावत
मनवांछित फल पावत
सेवत नर नारी
ॐ जय अम्बे गौरी
कंचन ढाल विराजत अगर कपूर बाती
मैया अगर कपूर बाती
श्रीमालकेतु में राजत
श्रीमालकेतु में राजत
कोटि रतन ज्योती
ॐ जय अम्बे गौरी
श्री अम्बे जी की आरती
जो कोई नर गावे
मैया जो कोई नर गावे
कहते शिवानंद स्वामी
कहते शिवानंद स्वामी
सुख सम्पति पावे
ॐ जय अम्बे गौरी
जय अम्बे गौरी
मैया जय श्यामा गौरी
तुमको निशिदिन ध्यावत
तुमको निशिदिन ध्यावत
हरि ब्रह्मा शिवरी
ॐ जय अम्बे गौरी



Song : Jay Ambe Gauri Aarti

Singer : Hemant Chauhan, Anuradha Paudwal, Rohini Patel,
Rajdeep Barot, Vanita Barot, Darshna Gandhi


Saturday, July 2, 2011

Aarti shri Lakshmi Ji ki


जय लक्ष्मी माता , मैया जय लक्ष्मी माता |
तुमको निशदिन सेवत हर विष्णु विधाता || ॐ 
उमा, रमा, ब्रह्माणी रुद्राणी तू ही जग माता |
सूर्य चंद्रमा ध्यावत, नारद ऋषि गाता || ॐ 
दुर्गा रूप निरंजनि, सुख सम्पति दाता |
जो कोई तुमको ध्यावत , रिधि सीधी धन पाता || ॐ 
तुम पाताल- निवासिनी , तू ही है शुभदाता |
कर्म-प्रभाव प्रकाशिनी , भवनिधि की त्राता || ॐ  
जिस घर तुम रहती , तहं सब सद्गुण आता |
सब सम्भव हो जाता, मन नहीं घबराता || ॐ 
तुम बिन यज्ञ न होते , वस्त्र न कोई पाता |
खान-पान का वैभव सब तुम से आता || ॐ 
शुभ- गुण मंदिर सुन्दर शीरोदधि जाता |
रतन चतुदर्श तुम बिन कोई नहीं पाता || ॐ 
महालक्ष्मी जी की आरती , जो कोई नर गाता |
उर आनन्द समाता, पाप उतर जाता || ॐ 

Maha Lakshmi Ji ki Aarti

 Om Jai Laxmi Mata, Maiya JaiLaxmi Mata,
Tumko nis din sevat, Hari, Vishnu Data || Om Jai Laxmi Mata

Uma Rama Brahmaani, Tum ho Jag Mata,
Maiya, Tum ho Jag Mata,
Surya ChanraMa dhyaavat, Naarad Rishi gaata. ||  Om Jai Laxmi Mata.

Durga Roop Niranjani, Sukh Sampati Data,
Maiya Sukh Sampati Data
Jo koyee tumko dhyaataa, Ridhee Sidhee dhan paataa || Om Jai Laxmi Mata.

Jis ghar mein tu rehtee, sab sukh guna aataa,
Maiya sab sukh guna aataa,
Taap paap mit jaataa, Man naheen ghabraataa. || Om Jai Laxmi Mata

Dhoop Deep phal meva, Ma sweekaar karo,
Maiya Ma sweekaar karo,
Gyaan prakaash karo Ma, Moha agyaan haro. || Om Jai Laxmi Mata.

Maha Laxmiji ki Aarti, nis din jo gaavey
Maiya nis din jo gaavey, Dukh jaavey, sukh aavey,
Ati aananda paavey.||  Om Jai Laxmi Mata.

Jai Laxmi Mata  ||

Friday, July 1, 2011

Lyrics Aarti shri Ambey ji ki


जय अम्बे गोरी , मैया जय श्यामा गोरी |
तुमको निशदिन  ध्यावत ,  हरी ब्रह्मा शिवजी || जय 
माँग सिन्दूर विराजत , टीको मृगमद को |
उज्जवल से दो नैना , चंद्रवदन  नीको || जय 
केहरि वाहन रजत ,  खडग खप्पर धारी |
सुर-नर-मुनि-जन सेवत तिनके दुःख हारि || जय 
कानन कुण्डल शोभित, नासाग्रे मोती |
कोटिक चन्द्र दिवाकर- रजत सम ज्योति || जय  
शुम्भ निशुम्भ विडारे, महिषासुर घाती |
धूम्र विलोचन नैना निशदिन मदमाती  || जय 
चंड मुण्ड संहारे , शोणित बीज हरे |
मधु कैटभ दोउ मारे, सुर भयहीन करे || जय 
ब्रहाणी रुद्राणी, तुम कमला रानी | 
आगम निगम बखानी , तुम शिव पटरानी || जय
चोंसठ  योगिनी गावत, नृत्य करत भेरूं |  
बजट ताल मृदंगा और बाजत डमरू || जय 
भुजा चार अति शोभित , वर मुद्रा धारी |
मनवांछित फल पावत सेवत नर नारी || जय 
कंचन थाल विराजत अगर कपूर बाती |
मालकेतू  में रजत कोटि रतन ज्योति || जय 
श्री अम्बे जी की आरती जो कोई नर गावे |
कहत शिवानन्द स्वामी, सुख सम्पति पावे || जय 

Jai Ambe Gauri maiya, jaa Shyama Gauri
Nishdin tumko dhyavat, Hari Brahma Shivji, || Jai Ambe....
Mang sindur birajat, tiko mrigmadko,
ujjvalse dou naina, chandravadan niko|| Jai Ambe....
Kanak saman kalevar, raktambar raje,
Raktapushp galmala, kanthhar saje|| Jai Ambe.... 
Kehari vahan rajat, khadg khappar dhari
sur nar munijan sevat, tinke dukhahari|| Jai Ambe....
Kanan kundal shobhit, nasagre moti
Kotik chandra divakar, samrajat jyoti|| Jai Ambe....
Shumbh- nishumbh vidare, MahishaSur ghatia
Dhumra-vilochan naina, nishdin madmati || Jai Ambe....
Brahmani, Rudrani tum Kamala Rani,
Agam-nigam bakhani. turn Shiv patrani|| Jai Ambe....
Chaunsath yogini gavat, nritya karat Bhairon,
Bajat tab mridanga, aur bajat damru|| Jai Ambe...
Tum ho jag ki mata, tum hi ho bharta,
Bhaktan ki dukh harta, sukh sampati karta || Jai Ambe....
Bhuja char ati shobhit, var mudra dhari,
Manvanchhit phal pavat, sevat nar nari || Jai Ambe....
kanchan thal virajat, agaru kapur bati
Malketu men rajat, kotiratan jyoti||  Jai Ambe.... 
 Shri Ambe ji ki aarti jo koi nar gavey ,
kehat shiva nand swami manwanshit phal pavey || Jai Ambe...

Wednesday, June 29, 2011

Aarti Shiv ji Ki


ॐ जय शिव ओंकारा, स्वामी जय शिव ओंकारा ||
ब्रह्मा- विष्णु सदाशिव अर्धांगी धारा || ॐ
एकानन चतुरानन पंचानन राजे |
हंसासन गरुडासन वृषवाहन सजे || ॐ 
दो भुज चार चतुर्भुज दशभुज अति सोहे |
तीनों रूप निरखता त्रिभुवन जन मोहे || ॐ  
अक्षमाला बनमाला रुण्डमाला धारी |
चन्दन मृगमद सोहे भोले शुभकारी || ॐ
श्वेताम्बर  पीताम्बर बाघाम्बर अंगे |
सनकादिक ब्रह्मादिक भूतादिक संगे || ॐ 
कर के मध्य कमंडल चक्कर  त्रिशूल धर्ता  ||
जग करता जग भरता जग पालन करता || ॐ 
ब्रह्मा , विष्णु सदा शिव जानत अविवेका |
प्रणवाक्षर के  मध्य तीनों ही एक || ॐ 
त्रिगुण स्वामी जी की आरती जो कोई नर गावे |
 कहत शिवानन्द स्वामी मन वांछित फल पावे || ॐ

Sunday, June 26, 2011

Aarti Shree Jagdishwar ji ki

ॐ जय जगदीश हरे, प्रभू  जय जगदीश हरे |
भक्त जनों के संकट  , छिन में दूर करे || ॐ 
जो ध्यावे फल पावे, दुःख बिनसे मन का |
सुख सम्पति घर आवे, कष्ट मिटे तन का || ॐ
मात पिता तुम मेरे , शरण गहूं  मैं किस की |
तुम बिन और न दूजा , आस करूं जिसकी  || ॐ
तुम पूरण परमात्मा, तुम अन्तरयामी |
पारब्रहम परमेश्वर, तुम सब के  स्वामी || ॐ 
तुम करूणा के सागर , तुम पालन करता |
मैं मूर्ख खल कामी, कृपा करो भरता || ॐ 
तुम हो एक अगोचर , सब क प्राणपति  |
किस विधि मिलूँ दयामय, तुमको मैं कुमति || ॐ 
दीन बन्धु दुःख हर्ता, तुम ठाकुर मेरे |
अपने हाथ उठाओ, दुआर पड़ा मैं तेरे  ||ॐ
विषय विकार मिटाओ , पाप हरो देवा |
श्रद्धा भक्ति बढ़ाओ, सन्तन की सेवा || ॐ
प्रेम सभा जन तुमको, निशदिन ही ध्यावे|
पार लगा दो नैया, येही अरज गावे || ॐ
प्रभू जी की आरती, जो कोई नर गावे |
कहत शिवानन्द स्वामी, मन वांछित फल पावे || ॐ

Saturday, June 25, 2011

Ganpati Aarti


जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा |
माता जाकी पार्वती पिता महादेव: ||
पान चढ़े फूल चढ़े और चढ़े मेवा |
लड्डूं का भोग लगे संत करे सेवा || जय गणेश ....
एक दन्त दयावंत चार भुजा धारी |
मस्तक सिन्दूर सोहे मूसे की सवारी || जय गणेश ....
आन्धन को आँख देत कोढ़िन को काया |
बाँझन को पुत्र देत निर्धन को माया || जय गणेश ....
दीनन की लाज रखो शंभू सुतावारी |
कामना को पूरी करो जाओं बलिहारी || जय गणेश ....



Jai ganesh jai ganesh, Jai ganesg deva
Mata jaki parwati ,Pita maha deva

Ek dant daya want ,Char bhuuja dhari  
Mathe sindor shoye ,Muse ki sawari
 
Pan chadhe Phool Chadhe , Aur Chadhe Mewa
Laduan ko bhog lage , Sant kare seva

Jai ganesh jai ganesh , Jai ganesg deva
Mata jaki parwati , Pita maha deva

Andhan ko aankh det , Kodhin ko kaya
Bajhan ko purta det, Nirdhan ko maya


Jai ganesh jai ganesh , Jai ganesg deva
Mata jaki parwati, Pita maha deva



GANESH BHAJAN: JAI GANESH DEVA AARTI
SINGER: ANURADHA PAUDWAL



 

Friday, June 24, 2011

Ganesh Vandna

 ॐ गणेशाय: नमः 

गजानन कर दो बेड़ा पार, आज हम तुम्हे मनाते हैं |
तुम्हे मनाते हैं गजानन, तुम्हे मनाते हैं ||
सब से पहले तुम्हे मनावें , सभी बीच में तुम्हे बुलावें|
गणपति आन पधारो, हम तो तुम्हे बुलाते हैं ||
आओ पार्वती के लाला, मूषक वाहन सूंड- सून्डाला|
जपें तुम्हारे नाम की माला, ध्यान लगाते हैं ||
उमापति शंकर क प्यारे, तू भक्तों के काज संवारे |
बड़े-बड़े पापी तारे, जो शरण में आते हैं ||
लड्डू पेड़ा भोग लगावें, पान सुपारी पुष्प चढ़ावे |
हाथ जोड़ के करें वंदना, शीश झुकाते हैं ||
सब भक्तों ने टेक लगाई, सब ने मिलकर महिमा गाई |
रिधि सीधि संग ले आओ, हम भोग लगाते हैं ||