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Thursday, July 14, 2011
Wednesday, July 13, 2011
Monday, July 11, 2011
Sunday, July 10, 2011
Saturday, July 9, 2011
Aarti Jagdishwar ji ki
ॐ जय जगदीश हरे
स्वामी जय जगदीश हरे
भक्त जनों के संकट दास जनों के संकट
क्षण में दूर करे
ॐ जय जगदीश हरे
ॐ जय जगदीश हरे
स्वामी जय जगदीश हरे
भक्त ज़नो के संकट दास ज़नो के संकट
क्षण में दूर करे
ॐ जय जगदीश हरे
जो ध्यावे फल पावे दुःख बिन से मन का
स्वामी दुख बिन से मन का
सुख सम्पति घर आवे
सुख सम्पति घर आवे
कष्ट मिटे तन का
ॐ जय जगदीश हरे
मात पिता तुम मेरे
शरण गहूं किसकी
स्वामी शरण गहूं किसकी
तुम बिन और ना दूजा
तुम बिन और ना दूजा
आस करूँ जिसकी
ॐ जय जगदीश हरे
तुम पूरण परमात्मा
तुम अंतरियामी
स्वामी तुम अंतरियामी
पार ब्रह्म परमेश्वर
पार ब्रह्म परमेश्वर
तुम सबके स्वामी
ॐ जय जगदीश हरे
तुम करुणा के सागर
तुम पालन करता
स्वामी तुम पालन करता
मैं मूरख खलकामी
मैं सेवक तुम स्वामी
कृपा करो भर्ता
ॐ जय जगदीश हरे
तुम हो एक अगोचर
सबके प्राण पति
स्वामी सबके प्राण पति
किस विध मिलु दयामय
किस विध मिलु दयामय
तुम को मैं कुमति
ॐ जय जगदीश हरे
दीन बन्धु दुःख हर्ता
ठाकुर तुम मेरे
स्वामी रक्षक तुम मेरे
अपने हाथ उठाओ
अपनी शरण लगाओ
द्वार पड़ा तेरे
ॐ जय जगदीश हरे
विषय-विकार मिटाओ पाप हरो देवा
स्वामी पाप हरो देवा
श्रद्धा भक्ति बढ़ाओ
श्रद्धा भक्ति बढ़ाओ
सन्तन की सेवा
ॐ जय जगदीश हरे
ओम जय जगदीश हरे
स्वामी जय जगदीश हरे
भक्त ज़नो के संकट
दास ज़नो के संकट
क्षण में दूर करे
ॐ जय जगदीश हरे
ॐ जय जगदीश हरे
स्वामी जय जगदीश हरे
भक्त ज़नो के संकट
दास जनो के संकट
क्षण में दूर करे
ॐ जय जगदीश हरे
Song: Om Jai Jagdish Hare
Singer: Anuradha Paudwal
Friday, July 8, 2011
Aarti shri Ambe ji ki
जय अम्बे गोरी , मैया जय श्यामा गोरी |
तुमको निशदिन ध्यावत , हरी ब्रह्मा शिवजी || जय
माँग सिन्दूर विराजत , टीको मृगमद को |
उज्जवल से दो नैना , चंद्रवदन नीको || जय
केहरि वाहन रजत , खडग खप्पर धारी |
सुर-नर-मुनि-जन सेवत तिनके दुःख हारि || जय
कानन कुण्डल शोभित, नासाग्रे मोती |
कोटिक चन्द्र दिवाकर- रजत सम ज्योति || जय
शुम्भ निशुम्भ विडारे, महिषासुर घाती |
धूम्र विलोचन नैना निशदिन मदमाती || जय
चंड मुण्ड संहारे , शोणित बीज हरे |
मधु कैटभ दोउ मारे, सुर भयहीन करे || जय
ब्रहाणी रुद्राणी, तुम कमला रानी |
आगम निगम बखानी , तुम शिव पटरानी || जय
चोंसठ योगिनी गावत, नृत्य करत भेरूं |
बजट ताल मृदंगा और बाजत डमरू || जय
भुजा चार अति शोभित , वर मुद्रा धारी |
मनवांछित फल पावत सेवत नर नारी || जय
कंचन थाल विराजत अगर कपूर बाती |
मालकेतू में रजत कोटि रतन ज्योति || जय
श्री अम्बे जी की आरती जो कोई नर गावे |
कहत शिवानन्द स्वामी, सुख सम्पति पावे || जय
Jai Ambe Gauri maiya, jaa Shyama Gauri
Nishdin tumko dhyavat, Hari Brahma Shivji, || Jai Ambe....
Mang sindur birajat, tiko mrigmadko,
ujjvalse dou naina, chandravadan niko|| Jai Ambe....
Kanak saman kalevar, raktambar raje,
Raktapushp galmala, kanthhar saje|| Jai Ambe....
Kehari vahan rajat, khadg khappar dhari
sur nar munijan sevat, tinke dukhahari|| Jai Ambe....
Kanan kundal shobhit, nasagre moti
Kotik chandra divakar, samrajat jyoti|| Jai Ambe....
Shumbh- nishumbh vidare, MahishaSur ghatia
Dhumra-vilochan naina, nishdin madmati || Jai Ambe....
Brahmani, Rudrani tum Kamala Rani,
Agam-nigam bakhani. turn Shiv patrani|| Jai Ambe....
Chaunsath yogini gavat, nritya karat Bhairon,
Bajat tab mridanga, aur bajat damru|| Jai Ambe...
Tum ho jag ki mata, tum hi ho bharta,
Bhaktan ki dukh harta, sukh sampati karta || Jai Ambe....
Bhuja char ati shobhit, var mudra dhari,
Manvanchhit phal pavat, sevat nar nari || Jai Ambe....
kanchan thal virajat, agaru kapur bati
Malketu men rajat, kotiratan jyoti|| Jai Ambe....
Shri Ambe ji ki aarti jo koi nar gavey ,
kehat shiva nand swami manwanshit phal pavey || Jai Ambe...
Song : Jay Ambe Gauri Aarti
Rajdeep Barot, Vanita Barot, Darshna Gandhi
Thursday, July 7, 2011
Aarti shri Lakshmi Ji ki
जय लक्ष्मी माता , मैया जय लक्ष्मी माता |
तुमको निशदिन सेवत हर विष्णु विधाता || ॐ
उमा, रमा, ब्रह्माणी रुद्राणी तू ही जग माता |
सूर्य चंद्रमा ध्यावत, नारद ऋषि गाता || ॐ
दुर्गा रूप निरंजनि, सुख सम्पति दाता |
जो कोई तुमको ध्यावत , रिधि सीधी धन पाता || ॐ
तुम पाताल- निवासिनी , तू ही है शुभदाता |
कर्म-प्रभाव प्रकाशिनी , भवनिधि की त्राता || ॐ
जिस घर तुम रहती , तहं सब सद्गुण आता |
सब सम्भव हो जाता, मन नहीं घबराता || ॐ
तुम बिन यज्ञ न होते , वस्त्र न कोई पाता |
खान-पान का वैभव सब तुम से आता || ॐ
शुभ- गुण मंदिर सुन्दर शीरोदधि जाता |
रतन चतुदर्श तुम बिन कोई नहीं पाता || ॐ
महालक्ष्मी जी की आरती , जो कोई नर गाता |
उर आनन्द समाता, पाप उतर जाता || ॐ
Maha Lakshmi Ji ki Aarti
Om Jai Laxmi Mata, Maiya JaiLaxmi Mata,
Tumko nis din sevat, Hari, Vishnu Data || Om Jai Laxmi Mata
Uma Rama Brahmaani, Tum ho Jag Mata,
Maiya, Tum ho Jag Mata,
Surya ChanraMa dhyaavat, Naarad Rishi gaata. || Om Jai Laxmi Mata.
Durga Roop Niranjani, Sukh Sampati Data,
Maiya Sukh Sampati Data
Jo koyee tumko dhyaataa, Ridhee Sidhee dhan paataa || Om Jai Laxmi Mata.
Jis ghar mein tu rehtee, sab sukh guna aataa,
Maiya sab sukh guna aataa,
Taap paap mit jaataa, Man naheen ghabraataa. || Om Jai Laxmi Mata
Dhoop Deep phal meva, Ma sweekaar karo,
Maiya Ma sweekaar karo,
Gyaan prakaash karo Ma, Moha agyaan haro. || Om Jai Laxmi Mata.
Maha Laxmiji ki Aarti, nis din jo gaavey
Maiya nis din jo gaavey, Dukh jaavey, sukh aavey,
Ati aananda paavey.|| Om Jai Laxmi Mata.
Jai Laxmi Mata ||
Song: Lakshmi Mata ji ki Aarti
Singer(s): Alka Yagnik
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