Sunday, August 7, 2022

Way to solve Problems

 सर्वप्रथम जीवन की समस्यओं को समझने की आवश्यकता है. समझने के बाद उनका सम्यक विवेकपूर्ण विश्लेषण करना  होगा. पुनः उनके निदान हेतु उपस्थित परिस्थितियों का आकलन भी आवश्यक है. 

उपर्युक्त समीक्षात्मक कार्य होने के उपरान्त जो भी हल उपस्थित होगा वह सभी के हितार्थ होगा. आखिरी पायदान पर खड़ा साधक भी लाभान्वित होगा.ऐसे समाज की विचारधारा की पुष्टता 

जीवन को सुस्थिर और व्यवस्थित बनाकर धैर्यपूर्वक गतिमान करना हम सभी का पुनीत कर्तव्य है.

अस्तु ऐसी व्यवस्था को संचरित करने हेतु अनुभूतियाँ अपेक्षित परिवर्तन स्वतः करने लगती हैं. ऐसा परिवर्तन व्यष्टि से समष्टि की ओर ले जाता है. कितना सटीक है यह निम्न विवेचन. मनन करें और जीवन में प्रयोग करें 

"ऐ पथगामी! 

पग धीरे -धीरे धरना! 

विषम भूमि, अपरिचित मग में,

सोच समझकर चलना! 

पुनः -

"धीरज धर, धीरे चलना! 

इस प्रकार की यात्रा जीवन को गतिमान बनाने में समर्थ है. परिवर्तन शाश्वत नियम है पर वह हो सभी के हितार्थ! 

हरि

Benefits of Saying Om Daily

 ऊँ की ध्वनि का महत्व जानिये

एक घडी,आधी घडी,आधी में पुनि आध,,,,,,,

तुलसी चरचा राम की, हरै कोटि अपराध,,,,,,।।

   1 घड़ी= 24मिनट

 1/2घडी़=12मिनट

 1/4घडी़=6 मिनट


  • क्या ऐसा हो सकता है कि 6 मि. में किसी साधन से करोडों विकार दूर हो सकते हैं।

       उत्तर है हाँ हो सकते हैं

        वैज्ञानिक शोध करके पता चला है कि......

  •  सिर्फ 6 मिनट ऊँ का उच्चारण करने से सैकडौं रोग ठीक हो जाते हैं जो दवा से भी इतनी जल्दी ठीक नहीं होते.........

  •  छः मिनट ऊँ का उच्चारण करने से मस्तिष्क मै विषेश वाइब्रेशन (कम्पन) होता है.... और औक्सीजन का प्रवाह पर्याप्त होने लगता है।

  •  कई मस्तिष्क रोग दूर होते हैं.. स्ट्रेस और टेन्शन दूर होती है,,,, मैमोरी पावर बढती है..।

  • लगातार सुबह शाम 6 मिनट ॐ के तीन माह तक उच्चारण से रक्त संचार संतुलित होता है और रक्त में औक्सीजन लेबल बढता है।
  •  रक्त चाप , हृदय रोग, कोलस्ट्रोल जैसे रोग ठीक हो जाते हैं....।
  • विशेष ऊर्जा का संचार होता है ......... मात्र 2 सप्ताह दोनों समय ॐ के उच्चारण से  घबराहट, बेचैनी, भय, एंग्जाइटी जैसे रोग दूर होते हैं।
  • कंठ में विशेष कंपन होता है मांसपेशियों को शक्ति मिलती है..।
  • थाइराइड, गले की सूजन दूर होती है और स्वर दोष दूर होने लगते हैं..।

  • पेट में भी विशेष वाइब्रेशन और दबाव होता है....। एक माह तक दिन में तीन बार 6 मिनट तक ॐ के उच्चारण से  पाचन तन्त्र , लीवर, आँतों को शक्ति प्राप्त होती है, और डाइजेशन सही होता है, सैकडौं उदर रोग दूर होते हैं..।

  •  उच्च स्तर का प्राणायाम होता है, और फेफड़ों में विशेष कंपन होता है..।

  • फेफड़े मजबूत होते हैं, स्वसनतंत्र की शक्ति बढती है, 6 माह में  अस्थमा, राजयक्ष्मा (T.B.) जैसे रोगों में लाभ होता है।
  • आयु बढती है।
  • ये सारे रिसर्च (शोध) विश्व स्तर के वैज्ञानिक स्वीकार कर चुके हैं।

  • जरूरत है छः मिनट रोज करने की

    🙏नोट:- ॐ का उच्चारण लम्बे स्वर में करें ।।


आप सदा स्वस्थ और प्रसन्न रहे यही मंगल कामना