Monday, August 15, 2022

Shri Krishanashtkum (श्री कृष्णाष्टकम)

 



भजे व्रजैकमण्डनं समस्तपापखण्डनं, स्वभक्तचित्तरंजनं सदैव नन्दनन्दनम्। 

सुपिच्छगुच्छमस्तकं सुनादवेणुहस्तकं, अनंगरंगसागरं नमामि कृष्णनागरम्॥१॥


मनोजगर्वमोचनं विशाललोललोचनं, विधूतगोपशोचनं नमामि पद्मलोचनम्।

 करारविन्दभूधरं स्मितावलोकसुन्दरं, महेन्द्रमानदारणं नमामि कृष्ण वारणम्॥२॥


कदम्बसूनकुण्डलं सुचारुगण्डमण्डलं, व्रजांगनैकवल्लभं नमामि कृष्णदुर्लभम्।

 यशोदया समोदया सगोपया सनन्दया, युतं सुखैकदायकं नमामि गोपनायकम्॥३॥


सदैव पादपंकजं मदीय मानसे निजं, दधानमुक्तमालकं नमामि नन्दबालकम्। 

समस्तदोषशोषणं समस्तलोकपोषणं, समस्तगोपमानसं नमामि नन्दलालसम्॥४॥


भुवो भरावतारकं भवाब्धिकर्णधारकं, यशोमतीकिशोरकं नमामि चित्तचोरकम्।

 दृगन्तकान्तभंगिनं सदा सदालिसंगिनं, दिने-दिने नवं-नवं नमामि नन्दसम्भवम्॥५॥


गुणाकरं सुखाकरं कृपाकरं कृपापरं, सुरद्विषन्निकन्दनं नमामि गोपनन्दनं। 

नवीन गोपनागरं नवीनकेलि-लम्पटं, नमामि मेघसुन्दरं तडित्प्रभालसत्पटम्।।६।।


समस्त गोप मोहनं, हृदम्बुजैक मोदनं, नमामिकुंजमध्यगं प्रसन्न भानुशोभनम्। 

निकामकामदायकं दृगन्तचारुसायकं, रसालवेणुगायकं नमामिकुंजनायकम्।।७।।


विदग्ध गोपिकामनो मनोज्ञतल्पशायिनं, नमामि कुंजकानने प्रवृद्धवह्निपायिनम्। 

किशोरकान्ति रंजितं दृगंजनं सुशोभितं, गजेन्द्रमोक्षकारिणं नमामि श्रीविहारिणम्।।८।।


यदा तदा यथा तथा तथैव कृष्णसत्कथा, मया सदैव गीयतां तथा कृपा विधीयताम्।

 प्रमाणिकाष्टकद्वयं जपत्यधीत्य यः पुमान्, भवेत्स नन्दनन्दने भवे भवे सुभक्तिमान॥९॥

Monday, August 8, 2022

108 Names of Cow

 गौमाता के इन नामों के जप से प्रसन्न हो जाते हैं भगवान श्रीकृष्ण🌺

हिन्दूधर्म में गाय को माता, कामधेनू, कल्पवृक्ष और सभी कामनाओं की पूर्ति करने वाली बताया गया है। गाय माता के संपूर्ण शरीर में तैतीस कोटी देवी-देवताओं का वास होने का उल्लेख भी शास्त्रों में मिलता है। भगवान श्रीकृष्ण गौ सेवा के अन्नय प्रेमी थे। शास्त्रों में गाय माता के 108 नाम बताएं गए है। कहा जाता है कि गाय के इन 108 नामों का जप करने से भगवान श्रीकृष्ण प्रसन्न हो जाते हैं। जानें गौमाता के कौन से 108 नाम का जप करने से सभी कामनाएं पूरी होने के साथ मनवांछित फल की प्राप्ति भी होती है।

।। दोहा ।।

श्री गणपति का ध्यान कर जपो गौ मात के नाम।

 इनके सुमिरन मात्र से खुश होवेंगे श्याम।।

1- कपिला, 2- गौतमी, 3- सुरभी, 4- गौमती, 5- नंदनी, 6- श्यामा, 7- वैष्णवी, 8- मंगला, 9- सर्वदेव वासिनी, 10- महादेवी, 11- सिंधु अवतरणी, 12- सरस्वती, 13- त्रिवेणी, 14- लक्ष्मी, 15- गौरी, 16- वैदेही, 17- अन्नपूर्णा, 18- कौशल्या, 19- देवकी, 20- गोपालिनी।

21- कामधेनु, 22- आदिति, 23- माहेश्वरी, 24- गोदावरी, 25- जगदम्बा, 26- वैजयंती, 27- रेवती, 28- सती, 29- भारती, 30- त्रिविद्या, 31- गंगा, 32- यमुना, 33- कृष्णा, 34- राधा, 35- मोक्षदा, 36- उतरा- 37- अवधा, 38- ब्रजेश्वरी, 39- गोपेश्वरी, 40-कल्याणी।

41- करुणा, 42- विजया, 43- ज्ञानेश्वरी, 44- कालिंदी, 45- प्रकृति, 46- अरुंधति, 47- वृंदा, 48- गिरिजा, 49- मनहोरणी, 50- संध्या, 51- ललिता, 52- रश्मि, 53- ज्वाला, 54- तुलसी, 55- मल्लिका, 56- कमला, 57- योगेश्वरी, 58- नारायणी, 59- शिवा, 60- गीता।

61- नवनीता, 62- अमृता अमरो, 63- स्वाहा, 64- धंनजया, 65- ओमकारेश्वरी, 66- सिद्धिश्वरी, 67- निधि, 68- ऋद्धिश्वरी, 69- रोहिणी, 70- दुर्गा, 71- दूर्वा, 72, शुभमा, 73- रमा, 74- मोहनेश्वरी, 75- पवित्रा, 76- शताक्षी, 77- परिक्रमा, 78- पितरेश्वरी, 79- हरसिद्धि, 80- मणि।

81- अंजना, 82- धरणी, 83- विंध्या, 84- नवधा, 85- वारुणी, 86- सुवर्णा, 87- रजता, 88- यशस्वनि, 89- देवेश्वरी, 90- ऋषभा, 91- पावनी, 92- सुप्रभा, 93- वागेश्वरी, 94- मनसा, 95- शाण्डिली, 96- वेणी, 97- गरुडा, 98- त्रिकुटा, 99- औषधा, 100- कालांगि।

101- शीतला, 102- गायत्री, 103- कश्यपा, 104- कृतिका, 105- पूर्णा, 106- तृप्ता, 107- भक्ति, 108- त्वरिता।

अनंत नाम गौ मात के सब देवो का वास।

सब भक्तो का आपके चरणों में विश्वास।।

इन नामो को नित्य पठन से रिद्धि सिद्धि घर आयेगी।

श्री राम-कृष्ण कृपा से,सर्व देव कृपा हो जायेगी।।

Sunday, August 7, 2022

Way to solve Problems

 सर्वप्रथम जीवन की समस्यओं को समझने की आवश्यकता है. समझने के बाद उनका सम्यक विवेकपूर्ण विश्लेषण करना  होगा. पुनः उनके निदान हेतु उपस्थित परिस्थितियों का आकलन भी आवश्यक है. 

उपर्युक्त समीक्षात्मक कार्य होने के उपरान्त जो भी हल उपस्थित होगा वह सभी के हितार्थ होगा. आखिरी पायदान पर खड़ा साधक भी लाभान्वित होगा.ऐसे समाज की विचारधारा की पुष्टता 

जीवन को सुस्थिर और व्यवस्थित बनाकर धैर्यपूर्वक गतिमान करना हम सभी का पुनीत कर्तव्य है.

अस्तु ऐसी व्यवस्था को संचरित करने हेतु अनुभूतियाँ अपेक्षित परिवर्तन स्वतः करने लगती हैं. ऐसा परिवर्तन व्यष्टि से समष्टि की ओर ले जाता है. कितना सटीक है यह निम्न विवेचन. मनन करें और जीवन में प्रयोग करें 

"ऐ पथगामी! 

पग धीरे -धीरे धरना! 

विषम भूमि, अपरिचित मग में,

सोच समझकर चलना! 

पुनः -

"धीरज धर, धीरे चलना! 

इस प्रकार की यात्रा जीवन को गतिमान बनाने में समर्थ है. परिवर्तन शाश्वत नियम है पर वह हो सभी के हितार्थ! 

हरि

Benefits of Saying Om Daily

 ऊँ की ध्वनि का महत्व जानिये

एक घडी,आधी घडी,आधी में पुनि आध,,,,,,,

तुलसी चरचा राम की, हरै कोटि अपराध,,,,,,।।

   1 घड़ी= 24मिनट

 1/2घडी़=12मिनट

 1/4घडी़=6 मिनट


  • क्या ऐसा हो सकता है कि 6 मि. में किसी साधन से करोडों विकार दूर हो सकते हैं।

       उत्तर है हाँ हो सकते हैं

        वैज्ञानिक शोध करके पता चला है कि......

  •  सिर्फ 6 मिनट ऊँ का उच्चारण करने से सैकडौं रोग ठीक हो जाते हैं जो दवा से भी इतनी जल्दी ठीक नहीं होते.........

  •  छः मिनट ऊँ का उच्चारण करने से मस्तिष्क मै विषेश वाइब्रेशन (कम्पन) होता है.... और औक्सीजन का प्रवाह पर्याप्त होने लगता है।

  •  कई मस्तिष्क रोग दूर होते हैं.. स्ट्रेस और टेन्शन दूर होती है,,,, मैमोरी पावर बढती है..।

  • लगातार सुबह शाम 6 मिनट ॐ के तीन माह तक उच्चारण से रक्त संचार संतुलित होता है और रक्त में औक्सीजन लेबल बढता है।
  •  रक्त चाप , हृदय रोग, कोलस्ट्रोल जैसे रोग ठीक हो जाते हैं....।
  • विशेष ऊर्जा का संचार होता है ......... मात्र 2 सप्ताह दोनों समय ॐ के उच्चारण से  घबराहट, बेचैनी, भय, एंग्जाइटी जैसे रोग दूर होते हैं।
  • कंठ में विशेष कंपन होता है मांसपेशियों को शक्ति मिलती है..।
  • थाइराइड, गले की सूजन दूर होती है और स्वर दोष दूर होने लगते हैं..।

  • पेट में भी विशेष वाइब्रेशन और दबाव होता है....। एक माह तक दिन में तीन बार 6 मिनट तक ॐ के उच्चारण से  पाचन तन्त्र , लीवर, आँतों को शक्ति प्राप्त होती है, और डाइजेशन सही होता है, सैकडौं उदर रोग दूर होते हैं..।

  •  उच्च स्तर का प्राणायाम होता है, और फेफड़ों में विशेष कंपन होता है..।

  • फेफड़े मजबूत होते हैं, स्वसनतंत्र की शक्ति बढती है, 6 माह में  अस्थमा, राजयक्ष्मा (T.B.) जैसे रोगों में लाभ होता है।
  • आयु बढती है।
  • ये सारे रिसर्च (शोध) विश्व स्तर के वैज्ञानिक स्वीकार कर चुके हैं।

  • जरूरत है छः मिनट रोज करने की

    🙏नोट:- ॐ का उच्चारण लम्बे स्वर में करें ।।


आप सदा स्वस्थ और प्रसन्न रहे यही मंगल कामना